“भारतीय राजनीति के संभावित भविष्य का विशुद्ध आंकलन: ज्योतिषानुसार”
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Abstract
भारतीय राजनीति को व उसके प्रादुर्भाव को भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही समझा जा सकता है। किसी भी विषय की समीक्षा के लिए ज्योतिष विषय सर्वोत्तम मापदंड है। देश की राजनीति, राजनीतिक लोग, उच्च पदासीन व्यक्ति व राजनेता ज्योतिष प्रेम के सार्वजनिक प्रचार से प्रायः बचते रहते हैं, लेकिन ज्योतिष से अर्थात् ग्रह नक्षत्रों से तो कोई बच नहीं पाया है।1 राजनेता हो या अन्य कोई, सभी को भाग्य जानने की जिज्ञासा अवश्य ही होती है, प्रत्येक व्यक्ति उसका रहस्योद्घाटन करना चाहता है अतः वह भविष्य जानने के लिए उत्सुक रहता है, “द्वितीयाद् वै भयं भवति” सूत्रानुसार प्रायः हर प्राणी में, क्षेत्र विशेष में जन्मजात असुरक्षा का भाव रहता है।
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